भारत जैसे लोकतांत्रिक और विविधतापूर्ण राष्ट्र में राजनीतिक दलों की भूमिका सिर्फ चुनाव लड़ने तक सीमित नहीं होती, बल्कि वे समाज के विभिन्न वर्गों को जोड़ने, उनकी आवाज़ को सशक्त बनाने और जनकल्याण के लिए कार्य करने के माध्यम बनते हैं। इन्हीं आदर्शों को आधार बनाकर जनता दल (सेक्युलर), जिसे संक्षेप में जेडी(एस) कहा जाता है, बिहार में एक समर्पित और जनमुखी राजनीतिक विकल्प के रूप में उभरा है। दल का मूल सिद्धांत है— “हर वर्ग, हर समुदाय की भागीदारी”।
स्थापना का उद्देश्य: सामाजिक व राजनीतिक समावेशिता
जनता दल (सेक्युलर) का गठन 2015 के विधानसभा चुनावों से पूर्व उस समय हुआ जब राज्य की राजनीति कई असमानताओं से जूझ रही थी। लोकसभा सांसद अनिरुद्ध प्रसाद यादव (साधु यादव) ने इस पार्टी की नींव इसलिए रखी, ताकि उन वर्गों को आवाज़ मिल सके जो वर्षों से राजनीतिक निर्णयों में किनारे कर दिए जाते रहे थे।
पार्टी का मानना है कि राजनीति तभी सार्थक होती है जब उसमें हर वर्ग— चाहे वह आर्थिक रूप से कमजोर हो, सामाजिक रूप से उपेक्षित हो या ग्रामीण परिवेश से आने वाला हो— बराबरी की हिस्सेदारी पाए।
नेतृत्व की मजबूती: शैलेन्द्र कुमार मिश्र की भूमिका
जनता दल (सेक्युलर) के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार मिश्र पार्टी को एक नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनके अनुभव, समाजसेवी दृष्टिकोण और सरल व्यक्तित्व ने पार्टी को संगठनात्मक रूप से मजबूत किया है। दरभंगा जिले के जिलाध्यक्ष का अतिरिक्त दायित्व मिलना, उनके नेतृत्व कौशल और संगठन के प्रति विश्वास को दर्शाता है।
उनके नेतृत्व में:
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पार्टी में युवाओं की भागीदारी बढ़ी है
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जमीनी समस्याओं को प्राथमिकता मिली है
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संगठन की पकड़ गाँव-गाँव तक मज़बूत हुई है
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पारदर्शी और स्वच्छ राजनीति को बढ़ावा मिला है
पार्टी का सामाजिक और राजनीतिक दर्शन
जनता दल (सेक्युलर) अपनी विचारधारा में निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान देता है:
1. सामाजिक न्याय एवं समान अवसर
दल का मानना है कि समाज में हर व्यक्ति, चाहे उसकी जाति, धर्म, समुदाय या स्थिति कुछ भी हो, उसे समान अधिकार और अवसर मिलने चाहिए।
2. आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए कार्य
किसान, मजदूर, दिहाड़ी कामगार तथा बेरोज़गार युवाओं के हितों को प्राथमिकता देते हुए नीतियाँ बनाने की दिशा में पार्टी अग्रसर है।
3. धर्मनिरपेक्षता और सौहार्द
पार्टी किसी भी प्रकार के वैमनस्य और विभाजनकारी राजनीति का विरोध करती है। यह हर समुदाय के बीच भाईचारा और एकता की भावना को मजबूत करने का पक्षधर है।
4. शिक्षा और रोजगार पर जोर
युवा शक्ति को सशक्त बनाने के लिए शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार सृजन पार्टी के मुख्य एजेंडे में शामिल हैं।
5. महिलाओं की भागीदारी
पार्टी राजनीति और सामाजिक नेतृत्व में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को बढ़ावा देती है। महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा और सशक्तिकरण इसके प्रमुख मुद्दों में शामिल हैं।
बिहार की राजनीति में योगदान
अपेक्षाकृत नई पार्टी होने के बावजूद जनता दल (सेक्युलर) ने बिहार के विभिन्न जिलों में अपनी पहचान और प्रभाव कायम किया है। ग्रामीण इलाकों में यह पार्टी किसानों, युवाओं और महिलाओं की समस्याओं को लेकर लगातार जनसंवाद और जागरूकता अभियान चलाती रही है।
दरभंगा, मधुबनी, मुज़फ्फरपुर, वैशाली और आसपास के क्षेत्रों में पार्टी की जमीनी पकड़ धीरे-धीरे मजबूत होती दिखाई देती है। स्थानीय स्तर पर जनसभा, पंचायत स्तर पर सदस्यता अभियान और सामाजिक सेवा कार्यक्रम पार्टी की सक्रियता का प्रतीक हैं।
भविष्य की दिशा
जनता दल (सेक्युलर) का लक्ष्य सिर्फ चुनावी राजनीति करना नहीं है, बल्कि समाज को एक अधिक समावेशी, न्यायपूर्ण और विकासोन्मुख दिशा देना है। पार्टी आने वाले समय में:
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युवाओं को राजनीति की मुख्यधारा से जोड़ने
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पंचायत और ब्लॉक स्तर पर मजबूत संगठन खड़ा करने
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सामाजिक न्याय के लिए नीति निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने
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और जनहित के मुद्दों को विधानसभा और प्रशासन तक पहुँचाने की दिशा में निरंतर कार्य करने का संकल्प रखती है।
निष्कर्ष
जनता दल (सेक्युलर) बिहार में एक ऐसी राजनीतिक शक्ति के रूप में उभर रहा है जो “सबका साथ, सबका विकास” के सिद्धांत पर चलकर समाज के सभी वर्गों को जोड़ने का प्रयास कर रहा है। पार्टी की विचारधारा, नेतृत्व की स्पष्ट प्रतिबद्धता और जन-भागीदारी इसे एक विश्वसनीय और जनहितैषी विकल्प बनाती है।
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